दीपावली, जिसे हम हिंदी में ‘दिवाली’ कहते हैं, भारतीय हिन्दू समुदाय का सबसे बड़ा और प्रमुख त्योहार है। यह पर्व हर साल हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के अमावस्या को मनाया जाता है। दीपावली का उत्सव आनंद, उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। यह एक पारंपरिक भारतीय उत्सव है जो धर्म, संस्कृति, और समाज के लोगों के बीच एकता और बंधुत्व की भावना को बढ़ाता है।
दिवाली का मतलब होता है ‘दीपों की पंक्ति’। इस दिन लोग अपने घरों और आसपास दीपक जलाकर अपने जीवन को उज्ज्वल और खुशहाल बनाते हैं। दीपावली का महत्व इस बात में है कि इसे भगवान राम के अयोध्या लौटने की समाप्ति पर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घरों को सजाकर राम जी का स्वागत करते हैं।
दीपावली का उत्सव पारंपरिक रूप से पाँच दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन को धनतेरस कहते हैं, जिसमें लोग लक्ष्मी माता की पूजा करते हैं। दूसरे दिन को चोटी दिवाली या छोटी दीपावली कहा जाता है, जिसमें लोग अपने घरों और व्यापार को शुभता के लिए सजाते हैं। तीसरे दिन को दीपावली मनाई जाती है, जिसमें लोग दीपक जलाकर लक्ष्मी-गणेश की पूजा करते हैं। चौथे दिन को गोवर्धन पूजा कहा जाता है, और पाँचवें दिन को भाई दूज कहा जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र और सुख-संपत्ति की कामना करती हैं।
दीपावली का उत्सव खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर लोग नए कपड़े पहनते हैं, घरों को सजाते हैं और एक-दूसरे को तोहफे देते हैं। लोग आपस में मिलकर खाना बनाते हैं और मिठाईयों का स्वाद लेते हैं। दीपावली के दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर मनाते हैं और आनंद उत्साह के साथ दीपों की रोशनी में खुशियां मनाते हैं।
दीपावली का उत्सव हिन्दू समाज के लिए धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यह एकता, सद्भावना, और धर्म के प्रति विश्वास को बढ़ाता है। इसे भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और यह हर साल बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है।